एक शिक्षक वो सौगात है ।


कुछ सप्ताह पूर्व हमारे संस्थान में शिक्षक दिवस का आयोजन हुआ । सभी शिक्षकों ने आत्मोत्साह से उस आयोजन में भाग लिया ।कई लोक प्रस्तुतियाँ भी देखने को मिली पर जो दृश्य मुझे मुग्ध कर गया वो था उन छात्रों द्वारा हमारे शिक्षकों का अवागमन जो किसी अन्य दिवस पर उनकी भर्त्सना करते रहते थे । ऐसी स्थिति से डॉ बातें सामने आती हैं या तो उन छात्रों को एक शिक्षक का अर्थ ही नहीं मालूम है और अगर मालूम भी है तो वो शायद निरंतर परिवर्तित होता रहता है । मेरी यह रचना उन छात्रों के लिए ही है जो शायद वर्तमानकालीन भारत में शिक्षक एक विद्यार्थी के जीवन में क्या महत्व रखता है इससे परिचित नहीं है । मैं आशा करता हूँ कि मेरी यह रचना भी आप सभी को पसंद आये 



एक शिक्षक वो सौगात है ,
जो विश्व में यूं विख्यात है ,
मानव का जीवन जिसके बिन,
बिन पायों की खाट है,
एक शिक्षक वो सौगात है,
जो विश्व में यूं विख्यात है।

 बचपन में वो सहारा है,
कभी पिता की डांट,
तो कभी ममता की धारा है,
ऐसे बचपन की अनुभूति होना,
बड़े गौरव की बात है,
एक शिक्षक वो सौगात है,
जो विश्व में यूं विख्यात है।

 यौवन का काल जीवन में जैसा ही समीप आता है,
भविष्य ताक पर होता है,
पर शिक्षक पल-पल घबराता है,
ऐसी निस्वार्थ चेतना ही एक अध्यापक के जज़्बात हैं,
एक शिक्षक वो सौगात है,
जो विश्व में यूं विख्यात है। 

जीवन पथ पर निस्वार्थ भाव से
निरंतर साथ जो चलता है,
पथ की बाधाओं को हल करने का
भरसक प्रयास जो करता है,
ऐसे परमार्थी जीव जो कि
ज्ञान का प्रकाश है।
एक शिक्षक वो सौगात है,
जो विश्व में यूं विख्यात है।


- सुयश शुक्ल


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