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Showing posts from September, 2018

किये की कद्र ।

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बीते चार वर्षों से मैं अपनी कविताओं, लेखों व छंदों के माध्यम अपने पाठकों से परिचित होता आया हूँ । आज कव्यस्त्रोत में एक नया आयाम जुड़ा है । इस वैचारिक मंच पर हमारे बीच एक युवा कवियत्री जी अपने लेखन का पदार्पण करने जा रही हैं  । मानसिक एकांकीपन व व्यथा का यथासंभव व्याख्यान करती यह कविता आप सभी के सामने प्रस्तुत है  । आशा करते हैं यह रचना आप सभी को पसंद आये  । कभी कभी दिल कचोटता है , दर्द से भर जाता है । दर्द आंसुओं में तब्दील हो जाते हैं, आंसू आँखों से बह जाते हैं । हम तो फिर भी उन्ही के लिए करते हैं , जो हमारे किये की कद्र नहीं करते हैं । अब तो मन इतना सहम चूका है , कि अच्छाई में भी बुराई खोज लेता है । अब तो प्रशंसा भी सच्ची नहीं लगती है , जो वो हममे इतने नुक्स निकाल चुके हैं । हम तो फिर भी उन्ही के लिए करते हैं, जो हमारे किये की कद्र नहीं करते हैं । रंगीन दिन ढल जाते हैं , खूबसूरत शामें बीत जाती हैं । रह जाती तो सिर्फ बुरी यादे हैं, उनकी जो वादे कभी निभाए नहीं जाते हैं । हम तो फिर भी उन्ही के लिए करते हैं, जो हमारे कि...

एक शिक्षक वो सौगात है ।

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कुछ सप्ताह पूर्व हमारे संस्थान में शिक्षक दिवस का आयोजन हुआ  । सभी शिक्षकों ने आत्मोत्साह से उस आयोजन में भाग लिया  ।कई लोक प्रस्तुतियाँ भी देखने को मिली पर जो दृश्य मुझे मुग्ध कर गया वो था उन छात्रों द्वारा हमारे शिक्षकों का अवागमन जो किसी अन्य दिवस पर उनकी भर्त्सना करते रहते थे  । ऐसी स्थिति से डॉ बातें सामने आती हैं या तो उन छात्रों को एक शिक्षक का अर्थ ही नहीं मालूम है और अगर मालूम भी है तो वो शायद निरंतर परिवर्तित होता रहता है  । मेरी यह रचना उन छात्रों के लिए ही है जो शायद वर्तमानकालीन भारत में शिक्षक एक विद्यार्थी के जीवन में क्या महत्व रखता है इससे परिचित नहीं है  । मैं आशा करता हूँ कि मेरी यह रचना भी आप सभी को पसंद आये  । एक शिक्षक वो सौगात है , जो विश्व में यूं विख्यात है , मानव का जीवन जिसके बिन, बिन पायों की खाट है, एक शिक्षक वो सौगात है, जो विश्व में यूं विख्यात है।   बचपन में वो सहारा है, कभी पिता की डांट, तो कभी ममता की धारा है, ऐसे बचपन की अनुभूति होना, बड़े गौरव की बात है, एक शिक्षक वो सौगात है, जो विश...

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कुछ शब्द मेरे उन जन मन को .....।

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