हिंदी ही हिन्द की भाषा है !

हिंदी भाषा का अस्तित्व वर्त्तमान कालीन भारत में खतरे में पड़ चूका है। लोग वैश्विक भाषा के पीछे ऐसी तीक्ष्ण गति से भाग रहे हैं कि हिंदी का आने वाले वर्षों में विलुप्त होना संभव लग रहा है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है,जैसे राष्ट्रपशु को बचाने के लिए भारी मात्र में कई लोगों ने पहल की थी उसी प्रकार समय हिंदी के लिए भी एक निस्वार्थ पहल कि मांग कर रहा है । इस हिंदी दिवस पखवाड़े केे अवसर पर हम सबको यह प्रण लेना होगा कि हम अपने शरीर में रक्त और कलम में स्याही की आखिरी बूँद तक हिंदी की रक्षा करते रहेंगे और इस पहल के भागीदार बनेंगे ।

हिंदी की महत्ता को बताने के लिए मैंने यह कविता लिखी है । आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह रचना पसंद आये ।





हिंदी ही हिन्द कि भाषा है
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है
भारत कि सांस्कृतिक आशा है
भारत कि सांकृतिक आशा है
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है

प्रेमचंद ने इसे पाला है,
पन्त ने इसको संभाला है,
और वाजपेयी ने उभारा है,
इन विभूतियों के प्रयासों के बाद भी भारत में,
लगता नहीं इसका जयकारा है।

ऐसे अनेक शिल्पियों कि यह अंतर्मन कि अभिलाषा है
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है।
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है।


इस राष्ट्र को शेक्सपियर के नाटक बहुत ही भाते हैं 
राउलिंग भी खूब लुभाते हैं 
पर हिंदी लिखने वाले तो आते हैं चले जाते हैं 
धन दौलत तो क्या , इज्ज़त भी नहीं कमा पते हैं 



और कुछ नहीं मेरे मित्रों , यह भारत माता कीं अंतर्मन की निराशा है ,
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है ।
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है ।

जिस राष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस , INDEPENDENCE DAY बन जाता है,
और गणतंत्र का पर्व,REPUBLIC DAY कहलाता है,
वहां हिंदी का क्या अस्तित्व है,
यहाँ तो बस अंग्रेजी का स्वामित्व है,

अनेकों बुद्धिजीवियों ने इसे बड़ी तपस्या से तराशा है।
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है।
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है।

अंग्रेजी पढो और पढाओ,
अपने क्षेत्र में पेशेवर बन जाओ,
पर जीवन के इस प्रवाह में हिंदी को मत भूल जाना मेरे दोस्त,
उसे भी पढो और आगे बढाओ।



एक छोटे से कवि की यह अंतर्मन कि जिज्ञासा है।
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है।
हिंदी ही हिन्द कि भाषा है।

*सुयश शुक्ला*

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